संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार 22 अप्रैल,2016 से शुरू हो रहे सिंहस्थ कुंभ के हिस्से के रूप में उज्जैन, मध्य प्रदेश में एक राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन कर रहा है। देश के सभी सांस्कृतिक मंडल, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, सीसीआरटी और साहित्य अकादमी, नई दिल्ली, मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित इस महोत्सव में भाग ले रहे हैं। देशभर के लगभग 3,000 कलाकारों को इस महोत्सव में भारी भीड़ के समक्ष अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया गया है। गृह कालिका मंच, अगर मंच, भूखीमाता और सदावल मंच नामक चार मंचों पर रोजाना कला का प्रदर्शन किया जाएगा।
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने एससीजेडसीसी, नागपुर को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है। केंद्र इस आयोजन को भव्य और यादगार अनुभव बनाने के लिए जोरदार प्रयास कर रहा है। पंडित जसराज उद्घाटन दिवस पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। हर दिन की शुरूआत के समय वैदिक मंत्रों और भक्ति गीतों का गायन होगा। 150 से अधिक रंगोली कलाकार हर दिन अपनी रंगोलियां प्रस्तुत करेंगे। सभी कृतियों का नई दिल्ली में प्रदर्शन किया जाएगा और कुंभ महोत्सव की समाप्ति के बाद एक कॉफी टेबल बुक का प्रकाशन किया जाएगा। देश के जाने माने कलाकार इन मंचों पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
दैवी शास्त्रीय, अर्द्ध-शास्त्रीय, सुगम संगीत और लोक नृत्य, कवि सम्मेलन, नाटक एवं रंगोली कला, कार्यशालाएं पुस्तक प्रदर्शनियां इस महोत्सव के कुछ मुख्य आकर्षण होंगे। कलाकार नदियों को साफ-स्वच्छ रखने के बारे में संदेश देने के लिए प्रस्तुतियां पेश करेंगे। दक्षिण केंद्रीय मंडल सांस्कृतिक केंद्र नागपुर इस महोत्सव की नोडल एजेंसी बनाया गया है।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सिंहस्थ कुंभ 22 अप्रैल से 21 मई, 2016 तक उज्जैन में आयोजित किया जा रहा है, जो सभी भक्तों के लिए मन को प्रसन्न करने वाला अनुभव होगा। देश के विभिन्न हिस्सों से अनेक तीर्थ यात्री यहां पहुंचेंगे। यह महोत्सव भारी संख्या में यहां पहुंचने वाले विदेशी यात्रियों के लिए भी आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार दर्शकों के लिए राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन कर रहा है।
संस्कृति मंत्रालय ने अपने कई संगठनों को देश की सांस्कृति विरासत को दर्शाने वाले रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करने का दायित्व सौंपा है। सभी प्रस्तुतियां अलग-अलग मंचों पर प्रस्तुत की जाएंगी जिससे दर्शक अपनी पसंद के कार्यक्रम को देखने में समर्थ होंगे। मंचों का भक्ति, शास्त्रीय अर्द्ध-शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत, लोक संगीत,लोक नृत्य, कवि सम्मेलन, नाटक, रंगोली, कला कैंप और पुस्तक प्रदर्शनियों के लिए उपयोग किया जाएगा। प्रत्येक दिन के कार्यक्रमों की शुरूआत वैदिक भजनों के गायन से होगी। जाने-माने कलाकारों द्वारा बनाई गई रंग-बिरंगी रंगोलियां एक उत्सव का रूप प्रदान करेंगी। लगभग 150 रंगोली कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। परंपरागत और आधुनिक कला में पारंगत 300 से अधिक चित्रकार सिंहस्थ मेले में अपनी कला को दर्शाएंगे और अगली पीढ़़ी को महत्वपूर्ण ज्ञान उपलब्ध कराएंगे। सभी कलाकारों की कलाकृतियों के प्रदर्शन के लिए प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा और इस अवसर पर एक कॉफी टेबुल बुक का भी विमोचन किया जाएगा, जिससे कलाकारों और उनकी कलाकृतियों के बारे में विश्व के अनेक देशों में जानकारी देने को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी और अन्य संगठन पुस्तकों और कला वस्तुओं पर प्रदर्शनी आयोजित करेंगी। पर्यटक और आगंतुक, श्रेष्ठ भारतीय कला और संस्कृति का एक बड़े स्तर पर जायजा लेंगे, जिससे पूरे विश्व में इन्हें प्रचारित करने में मदद मिलेगी। जाने-माने कलाकार हमारी नदियों के संरक्षण और उन्हें स्वच्छ और स्वस्थ रखने के लिए जनता को संदेश देंगे ताकि लोग स्वच्छता की राष्ट्रीय थीम में शामिल हो सकें। सभी आगंतुक और तीर्थ यात्री सिंहस्थ कुंभ में हर पल का आनंद उठाएंगे और एक उपयोगी यात्रा करने की संतुष्टि का अनुभव करेंगे।