एक माह तक चलने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले का दूसरा शाही स्नान आज तड़के शुरू हो गया। इस शाही स्नान की शुरूआत करते हुए जूना अखाड़ा के नागा बाबाओं ने हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए पवित्र शिप्रा नदी में प्रवेश किया। सूर्योदय के पहले से लेकर दोपहर बारह बजे तक साधुओं की शाही डुबकी के लिए रामघाट को तैयार किया गया है। स्नान में हिस्सा लेने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब यहां उमड़ा हुआ है। यह स्नान अक्षय तृतीया के साथ पड़ने की वजह से और भी अधिक शुभ माना जा रहा है। सरकार के अनुसार, दूसरे स्नान के लिए लगभग 25 लाख श्रद्धालु इस प्राचीन शहर में आए हैं। स्नान की शुरूआत जूना अखड़ा के पुजारी हरि गिरी द्वारा रामघाट पर पूजा अर्चना के साथ हुई। सिंहस्थ मेले में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लोग इस पवित्र शहर में जुटे हैं। कुंभ के इस मेले का आयोजन हर 12 साल बाद किया जाता है। उज्जैन को देश में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और भगवान महाकालेश्वर का निवास भी माना जाता है। एक के बाद एक साधुओं के सभी 13 अखाड़े स्नान करेंगे। इसके लिए शिप्रा नदी के तटों पर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इस बार, मेला क्षेत्र में किन्नरों ने भी अपना अखाड़ा बनाया है और उन्होंने शहर में एक जुलूस भी निकाला। इस जुलूस का लोगों ने भव्य स्वागत किया। हालांकि किन्नरों ने भी आज शाही स्नान करने की घोषणा की है, अब उन्होंने इसे 12 मई तक के लिए टाल दिया है। देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से सिंहस्थ कुंभ मेले में शिरकत करने आने वाली भीड़ के सैलाब के प्रबंधन के लिए बड़ी संख्या में केंद्रीय एवं राज्य सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। उज्जैन रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मधु कुमार ने कहा, ‘शिप्रा नदी में दूसरे शाही स्नान के अवसर पर, 25 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी मेला स्थल पर नजर रखे हुए हैं।