भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां जाते हैं अकसर मीडिया में चर्चा का विषय रहते हैं.
कहीं उनके काम करने के तौर तरीक़ों की चर्चा होती है तो कहीं उस देश से ख़ुद को जोड़ने की, जहां वो जाते हैं. इसके अलावा कई बार विदेशी मीडिया में उनका विवादित अतीत भी चर्चा का विषय रहता है.
रविवार को ईरान पहुंचे मोदी 15 साल में वहां का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.
इससे पहले 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ईरान का दौरा किया था. उस वक्त दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए थे जिनमें चाबहार बंदरगाह को विकसित करने का समझौता भी शामिल था.
अब मोदी की ईरान यात्रा को लेकर ईरानी मीडिया में काफ़ी हलचल देखी जा रही है.
ज़्यादातर अंग्रेज़ी और फ़ारसी अख़बारों में मोदी की आमद को हेडलाइन बनाया गया है.
टीवी चैनलों और रेडियो में भी मोदी की यात्रा को प्रमुखता से लिया जा रहा है.
अंग्रेज़ी अख़बार 'तेहरान टाइम्स' ने लिखा है 'मोदी की ऐतिहासिक तेहरान यात्रा, कॉन्ट्रैक्टों पर नज़र'.
अख़बार ने ये भी लिखा है कि 'राष्ट्रपति रुहानी ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के लिए रेड कार्पेट बिछाया'.
एक अन्य अंग्रेज़ी अख़बार 'ईरान डेली' ने मोदी की तस्वीर के साथ उनके बयान को अपनी पहली ख़बर बनाया है, 'भारतीय प्रधानमंत्री: ईरान से प्रतिबंध हटने के बाद बहुत से अवसर '.
बीबीसी की फारसी सेवा ने अपनी वेबसाइट पर मोदी की ईरान यात्रा को पहली ख़बर बनाते हुए सुर्खी लगाई, 'हसन रुहानी ने भारतीय प्रधानमंत्री का पारंपरिक स्वागत किया'.
तेहरान से छपने वाले बिज़नेस अख़बार 'फ़ाइनेन्शियल ट्रिब्यून' ने भी मोदी की यात्रा को प्रमुखता से छापा है.
अंग्रेज़ी मीडिया के अलावा फ़ारसी मीडिया में भी मोदी की यात्रा को लेकर काफ़ी गर्मजोशी देखी जा रही है.
एक फ़ारसी अख़बार 'असरार, इमरोज़, केयहान, एतेमाद' ने भी मोदी की यात्रा को भरपूर अहमियत दी है.
ज़्यादातर अख़बार ने अपने शिष्टमंडल के साथ मोदी के तेहरान हवाई अड्डे पर पहुंचने की तस्वीरों को प्रमुखता से छापा है.
ईरानी मीडिया ने मोदी की यात्रा को रणनीतिक और आर्थिक रूप से अहम बताया है.