पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को हरियाणा सरकार द्वारा नए बनाए गए पिछड़ा वर्ग (सी) श्रेणी के तहत जाटों तथा चार अन्य समुदायों को आरक्षण देने पर रोक लगा दी। कोर्ट ने द हरियाणा बैकवर्ड क्लासेज (रिजर्वेशन इन सर्विसेज एंड एडमिशन इन एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस) एक्ट 2016 के संवैधानिक वैधता को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। इस एक्ट को हरियाणा असेंबली ने बीते 29 मार्च को मंजूरी दी थी। यह अंतरिम आदेश जस्टिस एसएस सरन की अगुआई वाली बेंच ने दिया। भिवानी के मुरारी लाल गुप्ता ने इस एक्ट को चुनौती दी थी। गुप्ता ने इस एक्ट के सी श्रेणी को खारिज करने की मांग की थी। बता दें कि इस श्रेणी के जरिए ही जाट समुदाय को नए बने पिछड़ा वर्ग सी कैटेगरी में आरक्षण मिलता है। याचिकाकर्ता का कहना था कि नए एक्ट में जाट समुदाय को जिस जस्टिस केसी गुप्ता कमीशन रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण दिया गया है, उसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि गुप्ता कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण देना एक न्यायिक आदेश के संशोधन सरीखा है, जो विधायिका के हाथ में नहीं है।