नरेंद्र मोदी के यूएस दौरे के बाद अमेरिका से भारत के लिए बुरी खबर आई है। यह खबर अमेरिका की उसी यूएस कांग्रेस के एक भाग सीनेट से आई है जिसे पीएम मोदी ने संबोधित किया था। अमेरिका के सीनेट से आई खबर के मुताबिक, भारत और अमेरिका को ‘वैश्विक रणनीतिकार और रक्षा साथी’ बनाने के लिए लाया गया संशोधन पास नहीं हो पाया है। इसकी वजह से भारत अब भी अमेरिका की नजरों में ‘खास’ नहीं रहेगा। एजेंसी PTI के मुताबिक, ओबामा की विरोधी पार्टी रिपब्लिकन के सीनेटर जॉन मैकिन ने National Defence Authorisation Act (NDAA-17) में यह संशोधन करने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव द्वारा भारत को अमेरिका का वैश्विक साथी और रक्षा साथी माना जाता, पर इसे पास नहीं होने दिया गया। बिल में संशोधन ना हो पाने पर जॉन ने दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे अफसोस है कि सीनेट के सदस्य देश की रक्षा के मामलों पर सही से बात नहीं करते। कोई अकेला शख्स यहां बदलाव नहीं ला सकता।’ जॉन ने अपने संसोधन में बताया था कि भारत और अमेरिका पिछले 20 सालों से अपने रिश्ते मजबूत कर रहे हैं। जॉन ने आगे कहा था कि भारत और अमेरिका वैश्विक स्तर पर रणनीति बनाने, रक्षा मामलों पर बातचीत करने, सबकी अपनी संप्रभुता, धार्मिक सद्भाव, सुरक्षा पर लगातार साथ खड़े रहे हैं। इस संसोधन में राष्ट्रपति ओबामा से गुजारिश की गई थी कि वह भारत को विशेष दर्जा देने के लिए जरूरी कदम उठाएं। इसके साथ ही एडवांस तकनीक, भारतीय सेना को विशेष तैयारी करवाने, पाइरेसी को रोकने, आपदा में मदद जैसे मुद्दे भी उठाए गए थे।