मोदी सरकार को मंगलवार को राज्यों के वित्तमंत्रियों की बैठक के बाद बड़ी राहत मिली। बैठक के बाद सरकार को उम्मीद है कि आने वाले मानसून सत्र में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल(जीएसटी) पास हो जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि तमिलनाडु को छोड़कर बाकी सभी राज्य इस बिल के समर्थन में हैं। कोलकाता में मंगलवार(14 जून) को इस बिल के बारे में 22 राज्यों के वित्त मंत्रियों और सात अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
जेटली ने बताया,”सभी राज्यों ने जीएसटी का समर्थन किया है। तमिलनाडु ने कुछ चिंताएं जाहिर की हैं।” वित्त मंत्री ने कांगेस की जीएसटी पर कैप लगाने की मांग को नकार दिया और कहा कि राज्य इस पर राजी है। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बताया कि बैठक में रिकॉर्ड अटेंडेंस रही। बैठक उनकी अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा, ”सम्मानीय मंत्रियों के पेशेवर अंदाज से मैं प्रफुल्लित हूं। हम जुलाई के दूसरे सप्ताह में अगली मीटिंग तय करने की कोशिश करेंगे।”
जीएसटी बिल लागू होने के बाद पूरे देश में एक समान ही टैक्स हो जाएगा। इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म माना जा रहा है। इसको लेकर पिछले कई साल से संसद में सहमति नहीं बन पा रही है। कांग्रेस ने इस बिल को बनाया था लेकिन जब मोदी सरकार बनी तो वह बिल के विरोध में आ गई। उसकी मांग है कि टैक्स रेट 18 प्रतिशत रखी जाए और राज्यों के बीच राजस्व के झगड़ों केा निपटाने के लिए एक स्वतंत्र मैकेनिज्म बनाया जाए। यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है लेकिन राज्य सभा में अटका हुआ है। लेकिन अब सरकार को उम्मीद है कि मानसून सत्र में यह पास हो जाएगा।