भोपाल : शुक्रवार, अप्रैल 22, 2016,
जनसम्पर्क एवं ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने आज माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के वार्षिक केलेण्डर का विमोचन किया। जनसम्पर्क मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि सिंहस्थ और कुंभ भारतीय प्राचीन संस्कृति की गौरवशाली परम्परा है। इनके माध्यम से भारतीय समाज के सभी वर्ग एक सूत्र में बँधे हैं।
विश्वविद्यालय के वार्षिक केलेण्डर को इस वर्ष सिंहस्थ की संचार व्यवस्था पर केन्द्रित करते हुए तैयार किया गया है। केलेण्डर में बताया गया है कि ज्योर्तिविज्ञान के अनुसार नक्षत्रों की विशिष्ट स्थिति 12 वर्ष में आती है और इसी के कारण उज्जैन, हरिद्वार, प्रयाग (इलाहाबाद) और नासिक में महाकुंभ का संयोग बनता है। वार्षिक केलेण्डर में भारतीय संस्कृति की प्राचीन परम्पराओं की विभिन्न अवस्थाओं को भी दर्शाया गया है। केलेण्डर में बताया गया है कि कल्पवास हर मनुष्य को 48 दिवस के आध्यात्मिक विकास का मार्ग प्रदत्त करता है। केलेण्डर में बताया गया है कि 0-300 अक्षांश पर जल-धाराओं में से पृथ्वी का अपकेन्द्री बल लगभग 900 अर्थात पूर्ण शक्ति से उपलब्ध है। महाकुंभ के महासंवाद के प्रतिरूप का आकर्षण ढंग से चित्रण किया गया है।
ऋषियों की तपस्या के बारे में बताया गया है कि बाह्म ऊर्जा को आध्यात्मिक शक्ति में बदलने की प्रक्रिया ही कुंभ का वैज्ञानिक आधार है। उज्जैन का कुंभ शेष कुंभों की तरह सामूहिकता में व्यक्तिगत साधना का उपाय है। वार्षिक केलेण्डर में बताया गया है कि भारतीय संत समुदाय लगभग 15 अखाड़ों में समायोजित है। एकात्म होते हुए भी हर अखाड़े की अपनी अलग पहचान है। भारतीय ज्ञान परम्परा के अनुसार कुंभ का समय सृष्टि से अधिकतम ऊर्जा ग्रहण करने का शुभ अवसर होता है। वार्षिक केलेण्डर में बताया गया है कि सत्य की खोज में बौद्धिक चिंतन और विमर्श का प्रतीक समुद्र मंथन को माना जा सकता है।
इस मौके पर कुलपति श्री व्ही. के. कुठियाला विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। विश्वविद्यालय के रेक्टर श्री लाजपत आहूजा ने बताया कि राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के देश के अनेक जगहों पर अध्ययन केन्द्र है और नेपाल में भी तीन अध्ययन केन्द्र सफलतापूर्वक चल रहे हैं। विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के बाद अनेक छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।