मुख्यमंत्री श्री चौहान की राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से चर्चा-सरकार जनजातीय समुदाय के अधिकारों के प्रति संवेदनशील

मुख्यमंत्री श्री चौहान की राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से चर्चा-सरकार जनजातीय समुदाय के अधिकारों के प्रति संवेदनशील

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार जनजातीय समुदाय के अधिकारों के संरक्षण और उनसे जुड़े विकास के मुद्दों के प्रति संवेदनशील है। इसके लिये कई नवाचारी योजनाएँ चलाई जा रही हैं। श्री चौहान ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री रामेश्वर उरांव से जनजातीय कल्याण के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में शैक्षणिक सुविधाओं की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया है।

श्री चौहान ने आयोग के अध्यक्ष को बताया कि जनजाति समुदाय के बच्चों को प्राथमिक स्तर से अंग्रेजी शिक्षा देने की शुरूआत की गई है। हर साल 50 बच्चों को उच्च स्तरीय अध्ययन के लिये विदेशी संस्थानों में भी भेजा जा रहा है। आई.आई.टी., आई.आई.एम. जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश के लिये बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग दी जा रही है। जल्दी ही अंग्रेजी, गणित और विज्ञान के शिक्षकों की पर्याप्त संख्या में भर्ती की जायेगी।

सिंहस्थ व्यवस्थाओं की तारीफ

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय अनूसूचित जनजाति आयोग आदिवासी विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति जानने झाबुआ जिले का भ्रमण किया। अपने अनुभवों को साझा करते हुए आयोग ने बताया कि प्रशासन और आदिवासी विकास से जुड़ा मैदानी अमला जनजातीय समाज और उनसे जुड़े विषयों के प्रति संवेदनशील और जागरूक है। आयोग ने शैक्षणिक व्यवस्थाओं की प्रशंसा की और एकलव्य मॉडल अपनाने का सुझाव दिया। आयोग ने खाद्य सुरक्षा, वन अधिकार, आवासीय पट्टा, जल सुरक्षा और संरक्षण जैसे विषयों पर भी चर्चा की।

आयोग के सदस्यों ने सिंहस्थ मेले का भी भ्रमण किया और वहाँ की साफ-सफाई, श्रद्धालुओं के लिये उत्कृष्ट व्यवस्थाओं और अच्छी सड़कों के लिये मुख्यमंत्री को बधाई दी।

आयोग के उपाध्यक्ष श्री रवि ठाकुर, सचिव श्री ए.के. अग्रवाल उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ पर प्रकाशित साहित्य और साँची स्तूप का प्रतीक-चिन्ह भेंट किया।