मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा ने आज आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में 'नरोन्हा वीथिका' का उदघाटन किया। श्री डिसा ने 'वीथिका' का अवलोकन भी किया।
श्री डिसा ने कहा कि नरोन्हा वीथिका आने वाली पीढ़ी को उनके व्यक्तित्व को बताने में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि श्री नरोन्हा के जीवन से हमें कई बातें सीखने को मिलती हैं। वह एक रोल मॉडल और आइडियल पर्सन थे। श्री डिसा ने कहा कि श्री नरोन्हा ने अपने केरियर का एक चौथाई हिस्सा लगभग नौ साल ब्रिटिश शासन में काम किया और बाकी के 27 साल आजाद भारत में। उन्होंने कहा कि बदले परिवेश में उस समय एक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर श्री नरोन्हा ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया। श्री डिसा ने कहा कि श्री नरोन्हा की सोच नई नीति निर्धारण करने में सहायक सिद्ध हुई।
स्व. श्री नरोन्हा द्वारा लिखित पुस्तक 'ए टेल टोल्ड बाय एन इडियट'' के हिन्दी अनुवादक और राज्य भूमि सुधार आयोग के अध्यक्ष श्री आई.एस. दाणी ने कहा कि नरोन्हा जी एक अदभुत विचार-दर्शक थे। उन्होंने निर्भीक होकर जिंदादिल अधिकारी के रूप में काम किया। श्री दाणी ने कहा कि उनके विचार भविष्य के प्रशासकों के लिये मार्गदर्शन का काम करेंगे।
सेवानिवृत्त आई.ए.एस. श्री पी.सी. सेन ने नरोन्हा जी के कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वह एक अच्छे फोटोग्राफर, शिकारी, लेखक और कुशल प्रशासक थे। राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त श्री आर. परशुराम ने भी उदबोधन दिया। आमंत्रित वक्ताओं ने भी स्व. श्री नरोन्हा से जुड़े संस्मरण सुनाए। वरिष्ठ पत्रकार श्री लज्जाशंकर हरदेनिया, सेवानिवृत्त वन अधिकारी श्री एम.एस. सोलंकी सहित श्री प्रताप और श्रीमती दुबे ने भी नरोन्हा जी से जुड़े संस्मरण सुनाये।
अकादमी की महानिदेशक श्रीमती सुरंजना रे ने स्वागत उदबोधन दिया। नरोन्हा फॉउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री अशोक नरोन्हा ने आभार माना। पूर्व आई.ए.एस. श्री रविन्द्र शर्मा भी मौजूद थे।
अकादमी में श्री नरोन्हा की जन्मशती वर्ष पर 'नरोन्हा वीथिका' स्थापित की गई है। कार्यक्रम में नरोन्हा फॉउंडेशन द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन हुआ। इस मौके पर स्व. श्री नरोन्हा द्वारा लिखित एवं पूर्व में प्रकाशित पुस्तक 'ए टेल टोल्ड बाय एन इडियट'' और 'एनिमल एण्ड अदर एनिमल्स'' के पुनर्मुद्रित संस्करणों का लोकार्पण भी हुआ।