उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने कहा पारदर्शिता और शैक्षणिक गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करेंगे व महाविद्यालयों में महापुरुषों के चित्र भी लगाये जायेंगे
उच्च शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन तथा जन-शिकायत निवारण मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालय भवन में अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय ध्वज लगाये जायें। श्री पवैया ने महाविद्यालयों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा तीन महापुरुष, युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानन्द, महात्मा गांधी और बाबा साहेब अम्बेडकर के चित्र लगाने के भी निर्देश दिये। श्री पवैया ने उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि अब विद्या के मंदिरों में शिक्षा माफिया जैसे प्रचलित शब्दों की कोई जगह नहीं होना चाहिये।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालय परिसरों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुशासन का वातावरण बने। उन्होंने कहा कि सचिवालय से लेकर महाविद्यालय तक हर कार्य में कठोरता से पारदर्शिता और समयबद्धता का पालन होना चाहिये। श्री पवैया ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक केलेण्डर लागू हो और नये शिक्षा सत्र में शिक्षकों की उपस्थिति और शिक्षा का स्तर सुनिश्चित किया जाना चाहिये। उन्होंने निर्देश दिये कि जिन निजी महाविद्यालयों ने समयबद्ध शोध के साथ अर्हता की शर्तों का निर्धारित समयावधि में पालन नहीं किया है, उनकी सूची तत्काल प्रस्तुत की जाये। बैठक में राज्य मंत्री श्री संजय पाठक और प्रमुख सचिव श्री आशीष उपाध्याय मौजूद थे।
श्री पवैया ने अगले वर्ष से पुनरीक्षित पाठ्यक्रम लागू करने की इच्छा जताते हुए कहा कि जल्दी ही पाठ्यक्रम समिति का निर्धारण किया जायेगा। राष्ट्रीय प्रतिबद्धता और नैतिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए नैतिक शिक्षा और रोजगार परक शिक्षा को जोड़ने के लिये विद्वानों से सुझाव आमंत्रित हो। उन्होंने योग को महाविद्यालय में नियमित गतिविधि बनाने के लिये प्रस्ताव लाने की बात कही तथा विश्वविद्यालय संबंधी समिति में भी रखे जाने के लिये भी कहा।
उच्च शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिये कि प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण स्नातक में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिये अगस्त माह में स्मार्ट फोन वितरित किये जाये। अध्यापकों के एरियर्स भुगतान की माँग पर विस्तृत प्रतिवेदन माँगा और कहा कि केन्द्र सरकार से चर्चा कर यथाशीघ्र समाधान करवाये। उन्होंने सचिवालय और संचालनालय के अधिकारियों को अपनी कार्यशैली स्पष्ट करते हुए कहा कि यह विभाग भविष्य के भारत का निर्माण करने वाला महत्वपूर्ण कार्य करता है। इसलिये अत्यन्त परिश्रम, निष्ठा और ईमानदारी से तेज गति के साथ सभी को चलना होगा। मान्यता और संबद्धता जैसे मामलों में किसी प्रकार उंगली उठाने की संभावनाएँ न दिखे। उन्होंने बच्चों से ली जाने वाली फीस को सुसंगत रखने की बात भी कही और अतिथि विद्वानों के चयन का कार्य शीघ्रता से पूर्ण करने को कहा। न्यायालीन मामले बड़ी संख्या में लम्बित होने पर उन्होंने चिन्ता जाहिर की।
बीएड की प्रवेश तिथि 14 जुलाई तक करने के निर्देश
श्री पवैया ने सीट आवंटन के बाद प्रवेश के लिये कम समय दिये जाने तथा अतिवर्षा और अवकाश की स्थिति के कारण बीएड की प्रवेश तिथि 14 जुलाई तक करने का अनुमोदन लेने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि पिछले वर्ष 'गाँव की बेटी'' योजना से 48 हजार 79, 'प्रतिभा किरण'' से 4,015, 'विक्रमादित्य नि:शुल्क शिक्षा'' से 3,113, 'छात्राओं के लिये यातायात सुविधा'' से 74 हजार 497, अनुसूचित-जाति वर्ग के 50 हजार 974 और अनुसूचित-जनजाति वर्ग के 44 हजार 490 विद्यार्थियों को मुफ्त पुस्तकें तथा स्टेशनरी से लाभान्वित किया गया है।