मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज यहाँ मंत्रालय में सभी मंत्रियों और अधिकारियों की बैठक में विभिन्न विभाग की विस्तार से समीक्षा की। उद्योग विभाग की समीक्षा करते हुए सिंगल विंडो व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा प्रभावी बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने निवेशकों की सुविधा के लिये सभी संबंधित विभागों को सकारात्मक दृष्टि से साथ सिंगल विण्डो सिस्टम का उपयोग करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले प्रभावी सिंगल विण्डो स्थापित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिये विशेष निगरानी तंत्र भी संचालित करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सूक्ष्म एवं लघु उद्योग विभाग की समीक्षा में कहा कि सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की सरकार की प्राथमिकता है क्योंकि यह युवाओं को रोजगार से जोड़ते हैं। युवा उद्यमियों को बैंकों से होने वाली अड़चनों के संबंध में बैंकों के साथ समन्वय बैठक बुलाने के निर्देश दिये। समीक्षा में बताया गया कि मध्यप्रदेश की अपनी स्टार्टअप नीति तैयार की गयी है। इसे केबिनेट के समक्ष रखा जायेगा। लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिये जमीन आवंटन के नियमों में भी आवश्यक संशोधन किया जा रहा है। हर साल पाँच लाख उद्यमियों को स्व-रोजगार स्थापित करने में मदद दी जायेगी। सरकार द्वारा युवा उद्यमियों की बैंक गारंटी देने के बावजूद बैंकों द्वारा उनसे गारंटी जमा करने की माँग पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए श्री चौहान ने कहा कि इसे केन्द्रीय वित्त मंत्री के ध्यान में लाया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, स्वाईन फ्लू के प्रकरणों पर निगरानी रखने और फैलने से रोकने के लिये रोकथाम के सभी प्रकार के उपाय करने के निर्देश दिये। उन्होंने जन-जागरूकता अभियान भी चलाने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने कहा कि सभी जिलों में जाँच के उपकरण सुचारू रहना चाहिये और खराबी आने पर तत्काल उन्हें बदलें या नया उपकरण लें। मुख्यमंत्री ने सभी विकासखण्ड स्तरीय चिकित्सा केन्द्रों पर इन बीमारियों से संबंधित टेस्टिंग किट उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन प्रकरणों की संभावनाओं वाले जिलों में हर दिन समीक्षा की जाये। बताया गया कि डेंगू का प्रभाव ज्यादा है जबकि मलेरिया के प्रकरणों में कमी आई है। चिकनगुनिया और स्वाईन फ्लू का एक-एक प्रकरण सामने आया था। अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त अनाज भण्डारण क्षमता उपलब्ध है। उन्होंने जल्दी नाशवान उत्पाद जैसे फूल और फल के निर्यात के लिये इंदौर में बन रहे कार्गो सेंटर का कार्य जल्दी पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा में जिन किसानों की फसल खराब हुई थी उन्हें राशन दुकानों से खाद्यान्न उपलब्ध करवाने के लिये जो निर्देश दिये गये थे, वे दिसम्बर तक प्रभावशील रहेंगे।
श्री चौहान ने सभी हितग्राहियों की आधार कार्ड संख्या को राशन दुकानों से जोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि जब तक राशन बाँटने संबंधी व्यवस्थाएँ पूरी तरह दुरूस्त नहीं हो जाती तब तक दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोगों के लिये खाद्यान्न वितरण की अलग से व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि राशन की दुकानों के संचालन से जुड़े लोगों द्वारा गड़बड़ियाँ करने और गरीबों को राशन मिलने से वंचित करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। गंभीर प्रकरण पर सीधे जेल भेजा जायेगा। उन्होंने सामाजिक न्याय विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री मजदूर सामाजिक सुरक्षा योजना और कर्मकार मंडल के हितग्राहियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने सामान्य वर्ग के गरीब विद्यार्थियों के लिये भी अलग से योजनाएँ बनाने के निर्देश दिये।
स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए श्री चौहान ने शिक्षकों की उपस्थिति, शिक्षण की गुणवत्ता और व्यवसायिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि अब ग्रामीण अंचलों में भी शिक्षा के प्रति रूझान तेजी से बढ़ा है। समीक्षा में बताया गया कि राज्य शिक्षा सेवा जल्द ही लागू की जायेगी। एन.सी.ई.आर.टी. की किताबों का भी अध्ययन प्रारंभ किया जायेगा। यह भी बताया गया कि अशासकीय विद्यालयों द्वारा लिये जा रहे शिक्षण शुल्क पर नियंत्रण के लिये कानून का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इसे जल्दी ही केबिनेट में विचार-विमर्श के लिये रखा जायेगा। विद्यार्थियों में पढाई के प्रति बढ़ते रूझान और ज्ञान संसाधन के विस्तार की जरूरत को देखते हुए भोपाल में विशाल लायब्रेरी स्थापित करने का भी प्रस्ताव है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने हितग्राही के खातों में सीधे राशि ट्रांसफर करने की व्यवस्था सराहना की। उन्होंने कहा कि कियोस्क और कॉमन सर्विस सेंटर की कार्य-प्रणाली में और ज्यादा सुधार लाने की आवश्यकता है ताकि सुदूर क्षेत्रों में ग्रामीण लोग इस सुविधा का पूरा उपयोग कर सकें। श्री चौहान ने सभी विभागों को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने विभागों की लोकसेवाओं को मध्यप्रदेश मोबाइल एप से जोड़ दें। उन्होंने सभी विभागों से धीरे-धीरे अपने कार्यालयों को पेपरलेस बनाने के प्रयासों में तेजी लाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों में फाइल ट्रेकिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से लागू किया जाना चाहिये।
खनिज विभाग की समीक्षा में बताया गया कि एक नवम्बर से पूरे प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजिट पास देने की व्यवस्था लागू हो जायेगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मध्यप्रदेश सभी राज्यों में आगे
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन में सभी राज्यों में आगे है। योजना लागू होने के बाद मध्यप्रदेश में अब तक 48 लाख किसानों ने फसल बीमा योजना में भागीदारी की है। उल्लेखनीय है कि किसानों को प्राकृतिक आपदा से बचाने और उनकी फसल का मुआवजा दिलाने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान के मार्गदर्शन में नई फसल बीमा योजना बनाने की शुरूआत हुई थी।
उज्जैन, ग्वालियर भी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल
यह भी जानकारी दी गयी कि भारत सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में उज्जैन और ग्वालियर को भी शामिल कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने इसके लिये केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया।