मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा सेवा यात्रा के दूसरे दिन माँ नर्मदा की आरती की और पाठ किया। उन्होंने यात्रियों के साथ नर्मदा नदी के तट पर यात्रा की। उन्होंने नर्मदा सेवा यात्रा जारी रखने वाले यात्रियों के समूह को यात्रा का ध्वज सौंपा। सुरम्य कबीर सरोवर के किनारे रात्रि विश्राम के बाद वे सुबह घाट पर स्थित संतों के आश्रम गये और पूजा की।
श्री चौहान अरंडी आश्रम गये। वहाँ उन्होंने पौध-रोपण किया और कबीर सरोवर पहुँचकर नाव से घाटों का भ्रमण किया। नर्मदा मैय्या का पाठ किया। श्री चौहान ने चक्रतीर्थ आश्रम जाकर संतों से भेंट की । श्री चौहान ने मीरा माई के आश्रम जाकर आशीर्वाद लिया।
श्री चौहान ने कहा कि नदियाँ मानव समाज की जीवनदायिनी है, इसलिये नदियों की रक्षा के लिये समाज को भी आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी को प्रदूषण से मुक्त रखने का अभियान सही अर्थों में प्रकृति और मनुष्य को बचाने का अभियान है। श्री चौहान ने नागरिकों से अपील की है कि वे नर्मदा नदी की सेवा का संकल्प लें और शुद्ध मन के साथ नर्मदा सेवा यात्रा में भाग लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ने अपने स्वार्थ के कारण प्रकृति का नुकसान किया है। आने वाली पीढ़ियों का जीवन खतरे में है। प्रदूषण के कारण मानव समाज संकट में है। लगातार विनाश की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब जागने का समय आ गया है। प्रकृति को हरियाली से सँवारने का समय है। मुख्यमंत्री ने ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने और उनकी रक्षा करने की अपील की। यात्रा में नर्मदा तटों के आस-पास के गाँवों के हजारों लोग शामिल हुए।