जिला महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा किशोर न्याय अधिनियम व लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम पर 27 मार्च को प्रशिक्षण आयोजित हुआ। माधव साइंस कॉलेज में आयोजित प्रशिक्षण में 250 प्रतिभागी शामिल हुए। शुरूआत में जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर एहमद सिद्दीकी द्वारा 2016 में लागू किये गये नवीन किशोर न्याय अधिनियम की जरूरत तथा इसके विभिन्न प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा कि यदि सभी लोग जागरूकता अभियान में अपनी
भागीदारी निभाएंगे तो यकीनन समाज में बदलाव आ सकता है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. उषा श्रीवास्तव ने कहा कि प्रशिक्षण विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। ऐसे आयोजनों से समाज में निश्चित रूप से बदलाव की बयार आएगी। अधिवक्ता श्रीमती रेखा अग्निहोत्री ने लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम में बताए गये विभिन्न अपराधों की श्रेणियां व सजा के प्रावधानों के संबंध में बताया। किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य श्री लोकेन्द्र शर्मा ने बोर्ड की पूरी प्रक्रिया, बच्चे के आने से लेकर उसके प्रकरण में निर्णय होने तक संपूर्ण प्रक्रिया के बारे में बताया । सदस्य बाल कल्याण समिति श्रीमती मीरा जैन ने बाल कल्याण समिति द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की जानकारी दी। पीएससी अकादमी के डायरेक्टर श्री नईम खान द्वारा सभी प्रतिभागियों की कैरियर काउंसिलिंग करते हुए कहा गया कि शासकीय सेवा में जाने के इच्छुक युवा अपना पाठ्यक्रम ही लगन व मेहनत से पढ़ें तो उच्च अधिकारी बन जाएंगे। कार्यक्रम में महाविद्यालय की 10 छात्राओं को शैक्षणिक, शासन की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन हेतु सामाजिक व साहसिक कार्य करने पर प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह के साथ सम्मानित किया गया। आभार डॉ. प्रदीप लखारे ने माना। उज्जैन, घट्टिया, बड़नगर के खण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी उपस्थित थे। आईसीपीएस की टीम द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।